रामदेव बाबा सहित अनेक आयुर्वेदाचार्य होंगे सम्मिलित
कोरोना का संक्रमण पूरे देश में तेजी से बढ रहा है, ऐसे में जैन साधु भी दुर नहीं है, उन्हें भी इससे खतरा होने की संभावना है, इसको देखते हुए नवग्रह तीर्थ वरुर द्वारा श्रमण सुरक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
जिसके द्वारा साधुओँ को कैसे आहार लेना चाहिये, कौन कौनसे योगाभ्यास करना चाहिये इसकी जानकारी दी जायेगी। उस कार्यक्रम में चर्चा एवं मार्गदर्शन करने के लिए प्रमुख रुप से केंद्रिय आयुष मंत्री श्रीपाद नाईक, योगगुरु रामदेव बाबा, पतांजलि के डायरेक्टर आचार्य रामकृष्ण,
आयुष मंत्रालय के सेक्रेटरी श्री राजेश कोटेजी (वैद्य), सीसीआयएम के अध्यक्ष डाँ. देव पुजारी वैद्य , कर्नाटक आयुष फेडरेशन के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार बागमार, एसडीएम काँलेज के प्रिंसिपल डाँ प्रसन्न कुमार वैद्य, सौमनाथ गुजरात के प्रसिध्द वैद्य डाँ.अरूण छाबडा वैद्य, मेडिकल डायरेक्टर, अमृता आयुर्वेदा स्कुल केरला के डाँ. श्री स्वामी शंकराअमृतामनंन्दपुरी, गोल्ड मेडालिस्ट डाँ नीता महेशकर एवं डाँ योगेश जैन, डाँ राजेंद्र गदिया राजीम सहित अनेक आयुर्वेदाचार्य उपस्थित रहेंगे। जो साधू-संतो को क्या आहारचर्या होनी चाहिये, कौन कौनसे योगाभ्यास करने चाहिये इस विषय पर चर्चा एवं मार्गदर्शन करेंगे।
इस आयोजन में देशभर के 500 से भी ज्यादा साधूसंत, ब्रह्माचारी, त्यागीव्रती, प्रतिमाधारी उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम का प्रसारण जैनम झूम चैनल के माध्यम से देशभर में किया जायेगा।
इस आयोजन में मुख्य आर्शिर्वाद प.,पू. गणधराचार्य कुंथुसागरजी गुरुदेव इनका है तथा मार्गदर्शन णमोकार तीर्थ प्रणेता प्रज्ञाश्रमण आचार्य श्री देवनन्दीजी गुरुदेव का है।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक एवं नवग्रह तीर्थ के प्रणेता आचार्यश्री गुणधरनंदीजी गुरुदेव ने कहां कि, हम पिछले अनेक दिनों से इस बात को लेकर चिंतित थे, पूरे देश में हजारों साधु है जो एक टाईम खाते है, एवं कोई भी अँलिओपँथी दवाई का उपयोग नहीं करते है, ना ही अस्पताल में जाते है, ऐसे में अगर उन्हें कोरोना का संक्रमण हो जायेगा तो बहोत बडी समस्या हो जायेगी।
इसलिए इससे कैसे बचे इस विषय पर स्वामी रामदेव बाबा के साथ चर्चा करने पर यह विचार मन में आया कि सभी काएक सामूहिक चर्चासत्र रखें और श्रमण सुरक्षा नाम से कार्यक्रम का आयोजन 3 अक्तुबर को दोपहर 2 बजे किया गया है।
पूरे देश के सभी साधू संत, ब्रह्मचारी, प्रतिमाधारियों से निवेदन है कि सभी लोग इस कार्यक्रम से उपस्थित रहकर अपने आप को कोरोना से बचाये रखे। साधू ही धर्म की सच्ची संपत्ती है, इनकी सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरी है।