लखनऊ के पिंक सिटी कॉलोनी में सड़क-नाली विहीन गलियों से जलभराव और बीमारियों का कहर, नागरिकों ने जताई नाराज़गी

लखनऊ, 23 जून 2025:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नगर निगम ज़ोन-6 के अंतर्गत आने वाले हैदरगंज तृतीय वार्ड की पिंक सिटी कॉलोनी और आसपास के मोहल्लों में सड़क और नाली न होने की समस्या गंभीर होती जा रही है। पिंक सिटी कॉलोनी, गंगा विहार और आसपास की गलियों में न सड़क बनी है, न नाली की कोई व्यवस्था है, जिससे बारिश के मौसम में जलभराव और घरों के निकास का पानी गलियों में ही ठहर जाता है। इससे इलाके में गंदगी फैल रही है और मच्छरों के कारण डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार जैसी गंभीर बीमारियां फैलने लगी हैं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक और स्थानीय पार्षद तक को कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें दी हैं। लेकिन वर्षों से चली आ रही यह समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। लोगों का कहना है कि अधिकारियों की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने उन्हें मजबूरी में नारकीय जीवन जीने पर विवश कर दिया है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि कॉलोनी की गलियां जलभराव के कारण कीचड़ से भरी रहती हैं। स्कूली बच्चों, बुज़ुर्गों और महिलाओं को निकलने में कठिनाई होती है। कई बार लोग फिसलकर चोटिल हो चुके हैं। रात में जलभराव के कारण सांप, बिच्छू और कीड़े-मकोड़ों का खतरा और बढ़ जाता है। स्थानीय निवासी अभिषेक यादव, रेखा सिंह, मो. आज़म, सुधीर अवस्थी और मोहिनी देवी ने बताया कि कई बार नगर निगम की टीमों को बुलाया गया, पार्षद से शिकायत की गई, लेकिन केवल आश्वासन ही मिले। ज़मीनी स्तर पर आज तक कुछ भी नहीं बदला।

क्षेत्रवासियों ने सवाल उठाया कि जब राजधानी लखनऊ का यह हाल है, तो उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिलों की स्थिति का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश को विकास के शिखर पर ले जाना चाहते हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कार्य कर रहे अधिकारी उनकी मंशा को धूल चटा रहे हैं। पिंक सिटी कॉलोनी की स्थिति बताती है कि नगर निगम की प्राथमिकताओं में नागरिकों का स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाएं कहीं नहीं हैं।

स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इस क्षेत्र में सड़क और नाली निर्माण का कार्य शुरू कराया जाए, ताकि लोगों को जलभराव और बीमारियों से निजात मिल सके। नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुनवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन और नगर निगम कार्यालय का घेराव करेंगे।

इस बीच, नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल उठते जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस समस्या को लेकर आवाज़ उठाई जा रही है। अब देखना यह है कि राजधानी लखनऊ के इस उपेक्षित क्षेत्र की सुध कब ली जाती है और कब यहां के नागरिकों को राहत मिलती है।