नई दिल्ली। बुधवार को असम में सुबह-सुबह भूकंप के झटके से धरती कांप गई। लेकिन, लोग तब और ज्यादा भयभीत हो गए जब असम की धरती 24 घंटे के दौरान 18 बार हिली।
आफ्टर शॉक से लोगों में दहशत
दरअसल, वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, बड़े भूकंप के बाद काफी समय तक आफ्टर शॉक आते रहते हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण असम के शोणितपुर जिला के ढेकियाजुली में 28 अप्रैल की सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर आए 6.4 तीव्रता का भूकंप है। बड़े भूकंप के बाद लगातार रुक-रुक कर झटके आ रहे हैं। इनमें 4.7, 4 और 4.6 तीव्रता के झटके महसूस किये गये। बाकी की तीव्रता 3 से दर्ज हुई है।
सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर आया पहला झटका
बता दें कि, 28 अप्रैल की सुबह 7 बजकर 51 मिनट से आरंभ भूकंप के झटकों का सिलसिला दूसरे दिन यानी 29 अप्रैल की सुबह 7 बजकर 13 मिनट तक जारी रहा। इस दौरान कुल 18 झटके महसूस किये गये हैं। लगातार भूकंप के झटकों से लोगों के बीच बेहद भय व्याप्त है। हल्की सी आहट पर लोग घरों से बाहर निकल आते हैं।
24 घंटे में 18 बार हिली धरती
पहला झटका 28 अप्रैल को 07.51 पर 6.4 तीव्रता दर्ज किया गया। उसके बाद से लगातार भूकंप के झटके आते रहे। भूकंप का एपिक सेंटर दो को छोड़कर अन्य सभी शोणितपुर जिला में ही स्थित था। सिस्मोलॉजी विभाग के आंकड़ों के अनुसार पहले भूकंप के बाद 08.13 मिनट पर 4.0 तीव्रता, 8.25 मिनट पर 3.6 तीव्रता. 8.44 मिनट पर 3.6 तीव्रता, 10.05 मिनट पर 3.2 तीव्रता, 10.39 मिनट पर 3.4 तीव्रता, 12.32 मिनट पर 2.9 तीव्रता, 14.34 मिनट पर 3.4 तीव्रता, 15.55 मिनट पर 2.9 तीव्रता, 17.39 मिनट पर 3.0 तीव्रता, 21.38 मिनट पर 2.8 तीव्रता दर्ज की गयी।
वहीं 29 अप्रैल को 00.24 मिनट पर 2.6 तीव्रता, 01.10 मिनट पर 2.9 तीव्रता, 01.20 मिनट पर 4.6 तीव्रता, 01.41 मिनट पर 2.3 तीव्रता, 01.52 मिनट पर 2.7 तीव्रता, 02.38 मिनट पर 2.7 तीव्रता, 07.13 मिनट पर 3.1 तीव्रता दर्ज किया गया है।
यहाँ भी आया भूकम्प
गौरतलब हो, 6.4 तीव्रता के भूकंप के कारण असम के अलावा पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, मेघालय आदि में भी असर दिखायी दिया। भूकंप के दौरान असम में कुछ लोग घायल भी हुए हैं, हालांकि बिल्डिंगों को काफी नुकसान हुआ है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बिल्डिंगों में काफी दरार आई है। आपदा प्रबंधन विभाग नुकसान का आकलन करने में जुटा हुआ है।