अमर भारती : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओ के परिणामस्वरूप ही गन्ना और चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश ने पुनः दूसरी बार देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश में गन्ना विकास विभाग की स्थापना वर्ष 1935 में हुयी थी। तब से अब तक प्रदेश के गन्ना किसानों को विभिन्न राजकीय योजनाओं की सुविधा देते हुए सफल संचालन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को उन्नतशील प्रजातियों के स्वस्थ बीज तथा नवीन गन्ने की विभिन्न प्रजातियों का विकास कर उन्हें खेती करने के लिए स्वीकृत किया जाता है। प्रदेश सरकार गन्ना किसानों को गन्ने की फसल की सुरक्षा एवं कृषि निवेशों को भी उपलब्ध कराती है। सरकार किसानों का प्रशिक्षण, कम लागत में अधिक उपज के उपायों को बताते हुये गन्ना किसानों की आय में वृद्धि कर रही है। प्रदेश सरकार चीनी मिलों के लिए कितने गन्ने की आवश्यकता होगी उसका निर्धारण एवं आवंटन भी करती है।
उत्तर प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कड़े निर्देशों के क्रम में पेराई सत्र 2018-19 में 18 अगस्त 2019 तक प्रदेश के 38 लाख गन्ना किसानों को 25,506 करोड़ रूपये का भुगतान कराया गया है, जो एक रिकार्ड है। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा दो वर्षों में गन्ना किसानों को कुल 71,565 करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है जबकि इसके पूर्व के 03 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य का भुगतान 53389.24 करोड़ रूपये का ही भुगतान हुआ था। गन्ना किसानों को प्रदेश सरकार आधार पौध शाला बीज प्राथमिक पौधशाला बीज वितरण में लाभार्थी किसानों को अनुदान भी देती है। गन्ना किसानों की भूमि का भी उपचार कराया जाता है। गन्ना से अधिकाधिक चीनी परता एवं गन्ना उपज प्राप्त करने के लिए पेड़ी प्रबन्धन कार्यक्रम संचालित करते हुये लाभार्थी किसानों को नियमानुसार अनुदान भी दिया जाता है।