आत्मनिर्भता से सशक्तता की ओर बढ़ता भारत : पीएम मोदी ने की सीएसआईआर बैठक की अध्यक्षता

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साल में कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन तैयार करने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले दुनिया के दूसरे देशों में होने वाली खोजों के लिए भारत को सालों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन आज हमारे देश के वैज्ञानिक उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट ने भले ही हमारी गति को धीमा कर दिया हो, लेकिन ‘आत्मनिर्भर भारत’ के साथ ‘सशक्त भारत’ हमारा संकल्प बना हुआ है।

बैठक की पीएम ने की अध्यक्षता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सोसायटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। पीएम मोदी ने कोरोना को सदी की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि मानवता पर जब भी कोई बड़ा संकट आता है, तो विज्ञान ने और बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार कर दिए हैं।

वैज्ञानिक विश्व के साथ कंधे मिलाकर कर रहे काम

प्रधानमंत्री ने कहा कि, बीती शताब्दी का अनुभव है कि जब पहले कोई खोज दुनिया के दूसरे देशों में होती थी, तो भारत को उसके लिए कई-कई साल का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन आज हमारे देश के वैज्ञानिक दूसरे देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं।”

देश में टेक्नोलॉजी छू रहा ऊंचाई

उन्होंने कहा कि, किसी भी देश में साइंस और टेक्नोलॉजी उतनी ही ऊंचाइयों को छूती है, जितना बेहतर उसका इंडस्ट्री और मार्केट से संबंध होता है। हमारे देश में सीएआईआर विज्ञान, सोसाइटी और इंडस्ट्री की इसी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था का काम करता है।

कई क्षेत्रों में हो रहा विकास

उन्होंने कहा कि, हमारी इस संस्था ने देश को कितनी ही प्रतिभाएं दी हैं, कितने ही वैज्ञानिक दिये हैं। शांति स्वरूप भटनागर जैसे महान वैज्ञानिक ने इस संस्था को नेतृत्व दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत, एग्रीकल्चर से एस्ट्रोनॉमी तक, आपदा प्रबंधन से रक्षा प्रौद्योगिकी तक, वैक्सीन से वर्चुअल रियलिटी तक, बायोटेक्नोलॉजी से लेकर बैटरी टेक्नोलॉजी तक, हर दिशा में आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि आज भारत सतत विकास और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है। आज हम सॉफ्टवेयर से लेकर सेटेलाइट तक, दूसरे देशों के विकास को भी गति दे रहे हैं, दुनिया के विकास में प्रमुख इंजन की भूमिका निभा रहे हैं।

37 प्रयोगशालाओं के साथ देश भर में होता संचालन

गौरतलब हो कि सीएसआईआर सोसाइटी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग का हिस्सा है। इसकी गतिविधियों का संचालन देश भर में फैली 37 प्रयोगशालाओं और 39 आउटरीच केंद्रों के जरिये किया जाता है। विख्यात वैज्ञानिक, उद्योगपति तथा वैज्ञानिक मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी सोसाइटी का हिस्सा है, जिसकी बैठक वार्षिक रूप से आयोजित की जाती है।

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